क्या है पूरा मामला?
अमेरिका के नागरिक ब्रायन स्टूयर ने पूछताछ में बताया कि उनके देश में सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करना वैध है। वह और उनकी बेटी पर्वतारोही हैं, जो पर्वतों पर अपने परिवार से संपर्क के लिए इस फोन का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, उन्हें भारतीय कानून के बारे में जानकारी नहीं थी, जिसके तहत भारत में सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। जवानों ने उन्हें समझाया कि भारत में ऐसा करना कानूनन अपराध है। इसके बाद सुरक्षा अधिकारियों ने स्टूयर को पुलिस को सौंप दिया।
वाराणसी एयरपोर्ट पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब किसी विदेशी पर्यटक के पास सैटेलाइट फोन बरामद हुआ है। 2019 में भी एक रूसी पर्यटक और 2018 में एक चीनी यात्री के पास ऐसे फोन मिले थे। हालांकि, इन मामलों में फोन जब्त कर यात्रियों को रिहा कर दिया गया था।
कैसे हुई जांच में चूक?
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि ब्रायन स्टूयर 11 अक्टूबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे थे और वहां की जांच में सैटेलाइट फोन का पता नहीं चल पाया था। इसके बाद वे नेपाल के काठमांडू भी गए और तीन दिन पहले बुद्धा एयर से वाराणसी आए। यहां भी उनकी कस्टम जांच में सैटेलाइट फोन पर ध्यान नहीं दिया गया और उन्होंने पूरे वाराणसी में इसे लेकर भ्रमण किया। लेकिन, जब वे दिल्ली के लिए वापस रवाना हो रहे थे, तब एयरपोर्ट पर मौजूद सीआईएसएफ के जवानों ने इस पर नजर डाली और उन्हें हिरासत में ले लिया।
स्टूयर ने इस मामले की सूचना अमेरिकी दूतावास को भी दे दी है। उन्होंने भारतीय अधिकारियों से आग्रह किया है कि उन्हें दिल्ली जाने दिया जाए और उनका फोन सुरक्षित वापस कर दिया जाए।
भारत में सैटेलाइट फोन पर प्रतिबंध क्यों?
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए केवल सेना और सरकारी एजेंसियों को ही सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करने की अनुमति है। इसके अलावा, सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल केवल डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन से विशेष अनुमति मिलने के बाद ही किया जा सकता है। इस नियम का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है, और इसी कारण सीआईएसएफ ने अमेरिकी यात्री को रोका।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले
भारत में विदेशियों के पास सैटेलाइट फोन मिलने के कई मामले पहले भी सामने आए हैं। यह देखा गया है कि विदेशियों को अक्सर इस नियम की जानकारी नहीं होती है और वे इसे अनजाने में इस्तेमाल कर लेते हैं। पहले के मामलों में भी सैटेलाइट फोन जब्त किए गए हैं और यात्रियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
निष्कर्ष
इस घटना ने भारतीय हवाई अड्डों पर सुरक्षा और चेकिंग प्रणाली को लेकर एक सवाल उठाया है। कैसे एक प्रतिबंधित डिवाइस कई जांच प्रक्रियाओं के बाद भी पकड़ में नहीं आया? हालांकि, सीआईएसएफ जवानों ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए इसे सही समय पर रोका, और इस तरह एक संभावित खतरे से बचा लिया। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस मामले पर पूरी जांच कर रही हैं और यह सुनिश्चित कर रही हैं कि भविष्य में ऐसा न हो।