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गंगा नाव दुर्घटना: नाविक सोमारू को मिली अग्रिम जमानत, कोर्ट ने दिए सशर्त आदेश

वाराणसी@उड़ान इंडिया: दशाश्वमेध थानान्तर्गत के पास गंगा नदी में दो नावों की भिड़ंत के मामले में अभियुक्त सोमारू पुत्र अमरनाथ, निवासी मुकीमगंज को सत्र न्यायालय, वाराणसी ने सशर्त अग्रिम जमानत प्रदान की है। यह आदेश न्यायालय ने अग्रिम जमानत पर सुनवाई करते हुए पारित किया। अभियुक्त पर भारतीय न्याया संहिता (BNS) की धारा 282, 284, और 109 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
                 घटना के अनुसार, 31 जनवरी 2025 को  दो नावों की टक्कर के चलते एक छोटी नाव गंगा में पलट गई थी, जिसमें सवार लोगों की जान जोखिम में आ गई थी। हालांकि, एनडीआरएफ और जल पुलिस की त्वरित कार्रवाई से सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया था। बड़ी नाव में 58 और छोटी नाव में 6 लोग सवार थे। 

प्रार्थी सोमारू की ओर से पेश हुए विद्वान अधिवक्ता सैयद शावेज़ फिरोज़ विकास कुमार ने न्यायालय के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया कि :
  • प्रार्थी नाव चालक भर है, मालिक नहीं।

  • नाव मानकों के अनुसार चलाई जा रही थी, ओवरलोड नहीं थी

  • घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

  • प्रार्थी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है

  • सह-अभियुक्त गोपाल साहनी को इसी मामले में अग्रिम जमानत दी जा चुकी है।

  • जल पुलिस ने प्रार्थी की नाव को जानबूझकर क्षतिग्रस्त कर दिया और उसे गंगा पार फेंक दिया।

⚖️ सरकारी पक्ष का विरोध

शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ने जमानत प्रार्थना पत्र का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि घटना गंभीर लापरवाही का परिणाम है। दोनों नाविकों की लापरवाही से दर्जनों लोगों की जान खतरे में आई, और ऐसी परिस्थिति में अग्रिम जमानत नहीं दी जानी चाहिए

🧾 कोर्ट का निष्कर्ष

सभी तथ्यों और केस डायरी के अवलोकन के बाद, न्यायालय ने माना कि:

  • अभियुक्त एफआईआर में नामजद नहीं है।

  • नाव ओवरलोड नहीं थी और कोई यात्री हताहत नहीं हुआ।

  • सह-अभियुक्त को अग्रिम जमानत मिल चुकी है।

  • अभियुक्त का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं है।

इसलिए, बिना मामले के गुण-दोष में जाए, कोर्ट ने सोमारू को अग्रिम जमानत प्रदान की है। बशर्ते:

अग्रिम जमानत की शर्तें:

  1. ₹50,000 का निजी मुचलका व दो जमानती।

  2. अभियुक्त जांच में सहयोग करेगा।

  3. गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा।

  4. सक्षम न्यायालय की अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ेगा।

आदेश की एक प्रति पुलिस आयुक्त, वाराणसी को प्रेषित की गई है।