शावेज़ बन्टी
उड़ान इंडिया@रामनगर (वाराणसी): रामनगर के टेंगरामोड़ स्थित शिया क़ब्रिस्तान की भूमि पर भू-माफ़िया ने लाॅन का निर्माण करा रखा है। जिससे शिया समुदाय के लोगों में भारी नाराज़गी देखने को मिली है। लोगों का आरोप है कि शिकायतों के बाद भी शासन-प्रशासन ने इसकी कोई सुध नहीं ली। जिससे भू-माफ़िया के हौसले बुलन्द हैं और भू-माफ़िया ने क़ब्रिस्तान की चहारदीवारी के निर्माण में भी रोड़ अटका रखा है। जिससे स्थानीय नागरिकों में काफ़ी रोष व्याप्त है और समय रहते ये मसअला अगर हल नहीं हो सका तो क्षेत्रीय आपसी भाईचारे को भी ख़तरा पहुंचने की आशंका है।
तहसील दिवस में दिया शिकायती पत्र तो डीएम ने करायी जांच
जानकारी के मुताबिक़ रामनगर के टेंगड़मोड़ में शिया समुदाय का एकमात्र क़ब्रिस्तान स्थित है। बताते हैं कि उक्त क़ब्रिस्तान पर अवैध क़ब्ज़ की शिकायत के बाबत कुछ माह पहले तहसील दिवस के मौके पर स्थानीयजनों ने ज़िलाधिकारी को एक पत्रक सौंपा था। जिसमें प्रार्थी गण के प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेते हुए डीएम द्वारा स्थलीय जांच भी कराई गयी थी।
लेखपाल ने लगायी थी यह रिर्पोट
जिसमें लेखपाल ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि टेंगरामोड़ के आराजी नंबर -29 रकबा 0.051 हे० जमीन शिया क़ब्रिस्तान के नाम से दर्ज है। चूँकि उक्त जमीन में से लगभग 3 बिस्वा से ज्यादा जमीन प्रियंका सिंह पत्नी विवेकानंद सिंह के द्वारा अवैध ढंग से कब्जा कर उस पर लॉन का निर्माण कराया गया है। शेष जमीन पर शिया क़ब्रिस्तान के लोग जब चहारदिवारी करवाने जा रहे है तो उसी विवेकानंद सिंह द्वारा रोका जा रहा है। जिसके कारण चहारदिवारी नहीं हो पा रही है।
पुलिस प्रशासन पर आरोप
उक्त के बाबत क़ब्रिस्तान कमेटी के पैरोकारों ने बताया कि लेखपाल की रिपोर्ट पर जब जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी से आख्या मांगी तो उन्होंने अपनी आख्या दी। जिसमें एसडीएम ने स्पष्ट तौर पर लिखा कि यह जमीन उद्धरण खतौनी में क़ब्रिस्तान के नाम से दर्ज है। जिसकी पैमाइश पूर्व में कर दिया गया है। शिया समुदाय उस पर बॉउंड्री वाल बनवाना चाहते है। एसडीएम की रिर्पोट में यह भी आदेशित किया गया कि क़ब्रिस्तान कमेटी बॉउंड्री वाल करवा सकती है अगर कोई रोकता है तो कमेटी थाना रामनगर का सहयोग ले सकती है पर रामनगर थाने से कोई सहयोग नहीं किया गया। जिसके बाद कमेटी के सदस्य तत्कालीन एसएसपी से मिले तब उन्होंने इस मामले को निस्तारण के लिए सीओ कोतवाली को निर्देशित किया। जिसके बाद दोनों पक्षों के विरूद्ध शांति भंग की धाराओं में कार्रवाई कर दी गई और तब से आज तक आज तक मामला ठंडे बस्ते में है।
शासन-प्रशासन से सहयोग की मांग
मामले को शिया कमेटी ने मुख्यमंत्री जन सुनवाई पोर्टल पर भी अपलोड किया है। कमेटी के सदस्यों व स्थानीय नागरिकों ने शासन-प्रशासन का ध्यान एक बार पुनः इस ओर आकृष्ट कराया है और चेतावनी दी है कि अगर समय रहते क़ब्रिस्तान को भू-माफ़िया के क़ब्ज़े से मुक्त नहीं कराया गया तो लोग व्यापक आंदोलन को बाध्य होंगे। जिसकी सारी ज़िम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।