✏सरकार बनाने में अहम रोल अदा करेंगे स्टाम्प वेण्डर और उनके परिवार, पढिये बस एक क्लिक में पूरी रिर्पोट
✏राजनीतिक दलों को इनकी अनदेखी पड़ सकती है भारी
शावेज़ बन्टी@उड़ान इंडियाः चुनावी अधिसूचना जारी होने के बाद से ही उत्तर प्रदेश में कड़ाके की ठण्ड में भी सियासी सरगर्मी अपने शबाब पर है। जनता को आकर्षित करने की पाॅलिटिकल पार्टियों और उनके नेताओं में होड़ मची हुई है। राजनीतिक दलों ने अपने इलेक्शन मैनफ़ेस्टो में धड़ाधड़ वायदों की झड़ी लगा रखी है। लेकिन अभी भी कुछ ऐसे तबक़े हैं जिनको हाशिये पर रखा गया है और तो और उनके लिए किसी राजनीतिक दल व उनके नेताओं ने अपना पिटारा भी नहीं खोला है।
आईए आपको रूबरू कराते हैं ऐसे ही एक तबक़े से! जिनका दावा है कि उनका योगदान सरकार के ख़ज़ाने को भरने में पिछले 100 वर्षाें से रहा है। यहां हम बात कर रहे हैं आॅल यू0पी0 स्टाम्प वेन्डर्स एसोसिएशन की। आॅल यू0पी0 स्टाम्प वेन्डर्स एसोसिएशन की ओर से प्रदेश महामंत्री फूलचन्द सोनकर ने उत्तर प्रदेश की समस्त सियासी पार्टियों को एक पत्रक सौंपते हुए अपने चुनावी मैनफ़ेस्टो में स्टाम्प वेण्डरों की दो प्रमुख मांगों को शामिल किये जाने की मांग की है।
ये हैं दो प्रमुख मांगे
1. स्टाम्प वेण्डर्स कल्याण अधिनियम एवं स्टाम्प वेण्डर्स प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो।
2. ई-स्टाम्पिंग के साथ-साथ फ़िज़ीकल स्टाम्प पेपर अनवरत जारी रखा जाये।
चुनावी मैनफ़ेस्टो में शामिल हुई मांगें तो दल को सर्पोट करेंगे स्टाम्प वेण्डर
एक आंकड़े के मुताबिक़ यूपी में तक़रीबन 55 हज़ार स्टाम्प वेण्डर्स हैं। 75 ज़िलों के इन वेण्डर्स से तक़रीबन 2 लाख परिवार जुड़े हैं। आॅल यू0पी0 स्टाम्प वेन्डर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश कुमार श्रीवास्तव का आरोप है कि वर्तमान सरकार द्वारा फ़िज़ीकल स्टाम्प पेपर बन्द किये जाने और उन्हें डिजीटल किये जाने पर ऐसा लगा था कि वेण्डर्स का कमीशन बढ़ेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उल्टे उनके कमीशन में भी सरकार ने सेंध लगा दी और ई-स्टैम्पिंग को स्टाॅक होल्डिंग कार्पोरेशन को ठीके पर देकर स्टैम्प वेण्डरों के पेट पर डाका डाल दिया। स्टैम्प वेण्डर नेता राजेश श्रीवास्तव का कहना है कि जो भी सियासी दल स्टैम्प वेण्डरों के हक़ को अपने चुनावी मैनफ़ेस्टो में शामिल करेगा स्टैम्प वेण्डर और परिवारजन सरकार बनाने में उनकी मदद करेंगे और एकमत होकर वोट करेंगे।
दुर्दशाः एक लाख पर स्टाम्प वेण्डरों को मिलता है महज़ 90 रूपया कमीशन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के स्टाम्प वेण्डर अनूप कुमार सिंह ने बताया कि ई-स्टैम्पिंग का प्रभाग सरकार को खुद अपने पास रखना चाहिए। जो इन्फ़ास्टक्चर प्राईवेट कम्पनी स्टाॅक होल्डिंग कार्पोरेशन ने डेवलप कर रखा है उसे सरकार खुद भी कर सकती थी। लेकिन ऐसा न करके डिपार्टमेंट को ठीके पर दे दिया गया। अनूप सिंह ने बताया कि 1 लाख पर 530 रूपए का कमीशन स्टाॅक होल्डिंग को मिलता है और 530 का 23 परसेंट स्टाम्प यानि तक़रीबन 115 रूपया स्टाॅक होल्डिंग स्टाम्प वेण्डरों को देती है जिसमें से भी जीएसटी वगैरह काट कर स्टाम्प वेण्डरों के अकाउंट में तक़रीबन 90 रूपया आता है, जो की सरासर स्टैम्प वेण्डरों के हक़ पर डाका है। स्टाम्प वेण्डरों का आह्वाहन है कि जो भी पाॅलिटिकल पार्टी उनके हक़ की बात करेगी वो और उनके परिवार के लोग सरकार बनाने में उनके कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे।