हादसे की जानकारी
बच्चों के डूबने की सूचना स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, तालाब में नहाने गए बच्चों में दुर्गेश (15 वर्ष) और मानस (13 वर्ष) शामिल थे, जो क्रमशः मुरली विहार और विष्णुनगर के निवासी हैं। दोनों बच्चे नवीं कक्षा के छात्र हैं और अपने एक दोस्त के साथ तालाब में गए थे। जबकि उनका दोस्त सुरक्षित बाहर निकल आया, वह भागकर दोनों के घर पहुंचा और हादसे की जानकारी दी।
रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस, एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंच गई। गोताखोरों की टीमें तालाब में बच्चों को ढूंढने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है। बच्चों के परिजन और स्थानीय लोग इस घटनाक्रम को लेकर बेहद परेशान हैं। तालाब के आसपास सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है, और उनका कहना है कि यह घटना अवैध खनन का परिणाम है।
परिजनों का हाल
प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस प्रशासन ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है और डूबे हुए छात्रों की तलाश जारी है। वहीं, एसडीआरएफ की टीम ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर कार्रवाई की है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को पहले से ही इस तालाब की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए था। वे नारेबाजी कर रहे हैं कि अवैध खनन के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
यह घटना न केवल बच्चों के परिवारों के लिए एक बड़ा सदमा है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक चेतावनी है। ऐसे तालाबों और गड्ढों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को अधिक गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। उम्मीद है कि स्थानीय प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएगा।