करोड़ों की हेराफेरी का मामला
खबरों के मुताबिक, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं में पहले भी अनियमितताओं के आरोप लगाए जा चुके हैं। लेकिन इस बार की जांच में खुलासा हुआ है कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना में 535 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है। आरोप है कि अवनीश अवस्थी की सलाह पर कई वित्तीय गड़बड़ियां की गई हैं, जिसमें ठेकेदारों को अनुचित तरीके से भुगतान किया गया और परियोजना की लागत को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
अमिताभ ठाकुर का बड़ा दावा
इस घोटाले को उजागर करने में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEDA) ने इस परियोजना में वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम दिया है। ठाकुर ने दावा किया है कि ठेकेदारों को अनुचित तरीके से भुगतान किया गया और परियोजना की लागत में फर्जीवाड़ा हुआ। ठाकुर का कहना है कि यह मामला केवल आर्थिक घोटाला नहीं है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश सरकार और उसके शीर्ष अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाता है।
ऑडिट रिपोर्ट से खुलासा
ऑडिट रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, छह सेक्टरों में 10.4 करोड़ रुपये का अनुचित भुगतान किया गया है। इसके अलावा, अन्य अनियमितताओं के तहत 438.8 करोड़ रुपये की वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है। कुल मिलाकर, ऑडिट रिपोर्ट में 535 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। यह रिपोर्ट जैसे ही सामने आई, राज्य सरकार और उसकी विभिन्न परियोजनाओं पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
अमिताभ ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे हस्तक्षेप की मांग की है ताकि इस घोटाले की निष्पक्ष जांच हो सके। उनका कहना है कि इतने बड़े घोटाले की गहराई तक जांच होनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा मिले और राज्य की छवि को सुधारने के प्रयास किए जा सकें। ठाकुर के अनुसार, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना का उद्देश्य राज्य की सड़कों को विकसित करना था, लेकिन अब यह घोटाले और अनियमितताओं की भेंट चढ़ गई है।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना
जैसे ही यह खबर सामने आई, विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की निगरानी में इतनी बड़ी वित्तीय गड़बड़ी कैसे हो सकती है? विपक्ष ने यह सवाल उठाया कि योगी सरकार की पारदर्शिता और विकास के दावों पर अब सवाल खड़े हो गए हैं। विपक्ष का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सलाहकारों और अधिकारियों पर नियंत्रण रखने में असफल रहे हैं, जिससे इस प्रकार के घोटाले सामने आ रहे हैं।
राज्य सरकार पर गहराया संकट
इस घोटाले के सामने आने के बाद, राज्य सरकार की छवि पर नकारात्मक असर पड़ने की संभावना है। विकास परियोजनाओं में अनियमितताओं के आरोप योगी सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकते हैं। इससे पहले भी, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे परियोजना में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे, जिससे सरकार को पहले से ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार पर उठे सवाल
अवनीश अवस्थी, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं, उन पर इस मामले में गंभीर आरोप लगे हैं। अवस्थी पर आरोप है कि उन्होंने ठेकेदारों और अन्य परियोजना से जुड़े अधिकारियों को अनुचित तरीके से फायदा पहुंचाने में भूमिका निभाई। कहा जा रहा है कि अवस्थी की सलाह पर ही यह वित्तीय गड़बड़ी की गई है।
सरकार और अधिकारियों की भूमिका पर सवाल
यह मामला सरकार और परियोजना से जुड़े अधिकारियों पर गंभीर सवाल उठाता है। यह समझ से परे है कि इतनी बड़ी परियोजना में ऐसी वित्तीय अनियमितताएं कैसे हो सकती हैं? पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक माना जाता है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने का काम करती है। लेकिन इस घोटाले ने परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
भविष्य में हो सकती हैं और भी जांच
इस घोटाले के उजागर होने के बाद, यह संभावना जताई जा रही है कि भविष्य में और भी परियोजनाओं में इस तरह की जांच हो सकती है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे जैसी अन्य परियोजनाओं में भी वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप पहले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह इन आरोपों की निष्पक्ष जांच कराए और दोषियों को सजा दिलाए।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे घोटाले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार अवनीश अवस्थी का नाम सामने आना सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है। विपक्ष पहले से ही इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है, और अब जनता में भी सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। प्रधानमंत्री से शिकायत और जांच की मांग के बीच, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले समय में इस घोटाले की जांच कैसे होती है और इसके क्या परिणाम सामने आते हैं।
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