मुख्य बिंदु:
- आरक्षण का आदेश: DHCBA में महिलाओं के लिए पदों का आरक्षण अनिवार्य किया गया है।
- आम सभा की बैठक: कोर्ट ने DHCBA को निर्देश दिया है कि वे अपनी आम सभा की बैठक को शीघ्रता से आयोजित करें, जो 10 दिन के भीतर होनी चाहिए।
- कोषाध्यक्ष का पद: जी.बी. कोषाध्यक्ष का पद विशेष रूप से महिला सदस्यों के लिए आरक्षित करने पर विचार करने के लिए स्वतंत्र होगा। इसके साथ ही, जी.बी. अन्य पदों के आरक्षण पर भी विचार कर सकती है।
- कार्यकारी समिति में महिलाएं: कार्यकारी समिति के 10 सदस्यों में से कम से कम 3 सदस्य महिलाएं होंगी। इनमें से कम से कम 1 महिला सदस्य सीनियर नामित वकील होनी चाहिए।
- उपाध्यक्ष का पद: कोर्ट ने DHCBA से आगामी चुनावों में महिला वकीलों के लिए उपाध्यक्ष का पद आरक्षित करने पर विचार करने का भी निर्देश दिया।
- इतिहास में महिला अध्यक्ष का अभाव: कोर्ट ने निराशा व्यक्त की कि 1962 से अब तक बार में कोई भी महिला अध्यक्ष नहीं रही है।
केस टाइटल:
- अदिति चौधरी बनाम दिल्ली बार काउंसिल और अन्य, डायरी नंबर 42332-2024
- शोभा गुप्ता और अन्य बनाम दिल्ली बार काउंसिल और अन्य, डायरी नंबर 42644-2024
यह निर्णय महिलाओं के अधिकारों और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे भविष्य में अधिक महिलाओं को विधि क्षेत्र में अवसर मिलने की संभावना बढ़ेगी।