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इंडिया गठबंधन में मतभेद: सपा और कांग्रेस की रणनीतियों पर नज़र

नई दिल्ली@उड़ान इंडिया: इंडिया गठबंधन, जो 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों का प्रमुख मंच है, अब आंतरिक मतभेदों का सामना कर रहा है। खासकर, महाराष्ट्र के चुनावी समीकरणों के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) और महाविकास अघाड़ी के बीच तल्खियां सामने आई हैं। सपा ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी से दूरी बना सकती है। यह घटनाक्रम उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी असर डाल सकता है, जहां कांग्रेस और सपा अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।

महाराष्ट्र में सपा-महाविकास अघाड़ी विवाद

महाराष्ट्र में सपा ने विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास अघाड़ी (जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी शामिल हैं) के साथ तालमेल में असहमति जताई है। सपा के नेताओं का कहना है कि उन्हें गठबंधन में उचित सम्मान और सीटें नहीं मिल रही हैं। इस कारण सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने साफ किया कि उनकी पार्टी इस गठबंधन में लंबे समय तक टिकेगी या नहीं, यह जल्द ही स्पष्ट होगा।

उत्तर प्रदेश: कांग्रेस-सपा की अलग राहें?

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के बीच भी रिश्ते पूरी तरह से सहज नहीं हैं।

  1. कांग्रेस की रणनीति: कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में अलग मोर्चा संभाला है। कांग्रेस यहां अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
  2. सपा की रणनीति: अखिलेश यादव ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन वह सम्मानजनक समझौते के आधार पर ही आगे बढ़ेगी।

क्या इंडिया गठबंधन कमजोर पड़ रहा है?

इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी चुनौती विभिन्न दलों के हितों को साधना है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के मामले यह दिखाते हैं कि सीट बंटवारे और स्थानीय समीकरणों पर सहमति बनाना कितना कठिन है।

आगामी योजनाएं और चुनावी संभावनाएं

  1. सपा: अखिलेश यादव अपने पारंपरिक मुस्लिम-यादव वोट बैंक के साथ-साथ ओबीसी वर्ग को जोड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
  2. कांग्रेस: प्रियंका गांधी महिलाओं और किसानों के मुद्दों को प्रमुखता देकर कांग्रेस की साख वापस लाने की कोशिश कर रही हैं।

विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इंडिया गठबंधन अपने आंतरिक मतभेदों को हल नहीं कर पाया, तो इसका फायदा भाजपा को हो सकता है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में मतभेदों का असर राष्ट्रीय स्तर पर दिखाई देगा।

निष्कर्ष

इंडिया गठबंधन को यदि 2024 में भाजपा को टक्कर देनी है, तो उसे आपसी मतभेदों को जल्द से जल्द सुलझाना होगा। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे प्रमुख राज्यों में सपा और कांग्रेस की रणनीतियां इस बात का संकेत देती हैं कि विपक्षी दलों के बीच तालमेल की राह अभी आसान नहीं है।