इस बार धनतेरस पर ही करीब 3000 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जिसमें सबसे ज्यादा भीड़ ज्वेलरी, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन, फर्नीचर, बेडशीट, मिठाई, पटाखे, झालर, मोमबत्ती और अन्य सजावट की चीजों पर रही।
वाराणसी सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया कि छोटी दिवाली पर भी उम्मीद से बेहतर व्यापार हुआ। इसी तरह नारायण दास सर्राफ एंड संस ज्वेलर्स के प्रमुख अमित अग्रवाल का कहना था कि धनतेरस के बाद भी लोगों का अच्छा रुझान देखा गया। इस साल सोने-चांदी की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बावजूद लोगों की खरीदारी का उत्साह बरकरार है।
वाहनों और इलेक्ट्रॉनिक्स में बंपर बिक्री
इस बार वाराणसी में आटोमोबाइल का कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ा है। वाराणसी आटोमोबाइल डीलर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष यूआर सिंह ने बताया कि इस धनतेरस पर करीब पांच हजार वाहन बिक गए, जिसमें दोपहिया वाहनों की संख्या सबसे ज्यादा रही। नवरात्र के दौरान भी करीब आठ हजार वाहन बिके थे, और अब लग्न के मौसम के चलते दिवाली तक और भी खरीदारी बढ़ने की उम्मीद है।
उपभोक्ताओं ने इलेक्ट्रॉनिक्स में भी भारी खरीदारी की। काशीका इंटरप्राइजेज के निदेशक अजीत कुमार उपाध्याय ने बताया कि इस दिवाली पर एलईडी टीवी, वाशिंग मशीन और फ्रिज जैसे आइटम्स की बिक्री में काफी उछाल देखा गया।
सोने-चांदी के बढ़ते दामों के बावजूद खरीदारों का उत्साह
धनतेरस के अगले दिन से सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। सोना 82,000 रुपये प्रति तोला पार कर गया है, जबकि चांदी का भाव 1 लाख रुपये प्रति किलो के करीब पहुंच चुका है। सोने-चांदी के इन बढ़ते दामों के बावजूद लोगों में खरीदारी का उत्साह कम नहीं हुआ।
26 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक के आंकड़े दर्शाते हैं कि सोना और चांदी दोनों के दाम लगातार बढ़ते रहे हैं।
निष्कर्ष
काशी का बाजार इस बार दिवाली के मौके पर रौशन हो उठा है। व्यापारियों और ग्राहकों के लिए यह सीजन काफी फायदेमंद रहा, और आगामी लग्न के सीजन में भी बाजार की चमक बरकरार रहने की उम्मीद है।
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