इसराइल की हवाई सुरक्षा प्रणाली: आयरन डोम से लेकर एरो-3 तक
इसराइल के पास एक बहु-स्तरीय हवाई सुरक्षा प्रणाली है, जो विभिन्न ऊंचाइयों और दूरी पर आने वाले मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसमें सबसे प्रसिद्ध है आयरन डोम, जो कम दूरी से दागे गए रॉकेट और मिसाइलों को रोकता है। 2011 में शुरू की गई यह प्रणाली 4 से 70 किलोमीटर तक की दूरी से दागे गए रॉकेटों का पता लगाकर उन्हें रोकने में सक्षम है। आयरन डोम खासतौर पर उन मिसाइलों पर निशाना साधता है जो आबादी वाले इलाकों को निशाना बना सकती हैं।
आयरन डोम के बाद डेविड्स स्लिंग है, जो 300 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली मिसाइलों को रोक सकता है। इसे अमेरिका और इसराइल ने मिलकर विकसित किया है और यह 2017 से काम कर रहा है। इसके साथ ही एरो-2 और एरो-3 जैसी प्रणालियां भी इसराइल की हवाई सुरक्षा का हिस्सा हैं। एरो-2 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन की गई है, जबकि एरो-3 पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर उड़ने वाली लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट करती है।
क्या इसराइल की हवाई सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह सुरक्षित है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि कोई भी हवाई सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह अभेद्य नहीं होती। इसराइल की एयर डिफेंस सिस्टम निश्चित रूप से अत्यधिक उन्नत और सक्षम है, लेकिन अगर मिसाइलों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है, तो कुछ मिसाइलें अपने निशाने तक पहुंचने में सफल हो जाती हैं। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इसराइल के पास कई परतों वाली हवाई सुरक्षा प्रणाली है, जिससे अधिकांश हमले विफल हो जाते हैं, लेकिन कुछ मिसाइलें अब भी निशाने तक पहुंचने में सफल हो सकती हैं।
ईरान के मिसाइल हमले में इसराइल को बहुत नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसराइल की हवाई सुरक्षा प्रणाली पूरी तरह अजेय है। ईरान ने हाइपरसोनिक मिसाइलों का भी इस्तेमाल किया, जो इसराइल की सुरक्षा प्रणाली के लिए एक नई चुनौती हो सकती हैं। वहीं, इस हमले से ईरान ने अपने समर्थक समूहों और प्रॉक्सी सेनाओं का मनोबल बढ़ाने का प्रयास किया है।
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