ब्यूरो डेस्क@उड़ान इंडिया: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बहुमत हासिल कर लिया है। BJP ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की, जिससे उन्हें लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का मौका मिला। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और अन्य प्रमुख उम्मीदवारों ने भी जीत दर्ज की है। हालांकि कांग्रेस ने भी कड़ी टक्कर दी, लेकिन वो सत्ता हासिल नहीं कर पाई। इस जीत को BJP की मजबूत रणनीति और बूथ प्रबंधन का नतीजा माना जा रहा है।
हरियाणा में विपक्ष का हाल
हरियाणा में विपक्ष, खासकर कांग्रेस, ने इस बार कड़ी टक्कर दी है लेकिन BJP के सामने वो सत्ता हासिल नहीं कर सकी। हालांकि, कई कांग्रेस उम्मीदवारों ने प्रमुख सीटों पर जीत दर्ज की। पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने रोहतक जिले की गढ़ी-साम्पला-किलोई सीट पर जीत दर्ज की, और राकांपा के नेता रंधीर सुरजेवाला के बेटे आदित्य ने कैथल सीट से जीत हासिल की। कांग्रेस के नेताओं ने कई स्थानों पर भाजपा को चुनौती दी, लेकिन कुल मिलाकर वे सत्ता से दूर रह गए।
BJP के आगे क्या चुनौती?
हरियाणा में BJP के सामने कई चुनौतियां होंगी। सबसे बड़ी चुनौती सत्ता-विरोधी लहर (anti-incumbency) का मुकाबला करना है, जो लगातार तीसरी बार सरकार में आने के बाद और बढ़ सकती है। किसानों के मुद्दे, विशेष रूप से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के बाद का असंतोष, और क्षेत्रीय असमानताएं भी पार्टी के लिए कठिनाई पैदा कर सकती हैं। इसके अलावा, कांग्रेस ने इस बार कई सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे विपक्ष की स्थिति मजबूत हुई है, जो BJP के लिए आने वाले दिनों में एक मजबूत चुनौती बन सकता है।
ऐसा है चुनाव के बाद हरियाण का माहौल
हरियाणा में चुनाव के बाद का माहौल मिश्रित है। BJP की जीत के बाद समर्थकों में खुशी है, जबकि कांग्रेस और विपक्षी दल अपनी हार के बाद रणनीतिक समीक्षा कर रहे हैं। राज्य में किसानों और युवाओं के मुद्दों को लेकर कुछ असंतोष बना हुआ है, और विपक्ष इसे भुनाने की कोशिश कर सकता है। ग्रामीण इलाकों में कुछ तनाव है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां चुनावी नतीजे कड़े मुकाबले के बाद आए। हालांकि, कुल मिलाकर स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है और सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है।