मिथुन चक्रवर्ती का करियर 48 साल से अधिक का रहा है और उनकी फिल्में सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि एशिया, सोवियत संघ, अफ्रीका जैसे कई देशों में खूब पसंद की गईं। उनकी सिनेमाई यात्रा ने उन्हें सिनेमा के हर दौर का हिस्सा बनाया और उनके अभिनय की छाप आज भी नई पीढ़ियों पर है।
मिथुन का सफर: संघर्ष से सफलता तक की कहानी
मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है और उन्होंने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया। बॉलीवुड में कदम रखने से पहले उन्होंने नक्सलवाद से जुड़े आंदोलनों में भी हिस्सा लिया था। लेकिन किस्मत ने उन्हें सिनेमा की दुनिया में पहुंचा दिया। 1976 में ‘दो अनजाने’ फिल्म से उन्होंने छोटे रोल में शुरुआत की। 1977 में आई 'मृगया' ने उन्हें पहली ही फिल्म में राष्ट्रीय पुरस्कार दिला दिया। इस उपलब्धि ने उन्हें फिल्म जगत में एक खास पहचान दी।
इसके बाद आई 1982 में 'डिस्को डांसर' ने उनकी किस्मत बदल दी। इस फिल्म ने उन्हें भारत का पहला डिस्को डांसिंग सुपरस्टार बना दिया। फिल्म ने न केवल भारत में बल्कि सोवियत संघ, पूर्वी यूरोप और कई अन्य देशों में भी शानदार कारोबार किया। इस सफलता ने उन्हें रातों-रात सुपरस्टार बना दिया। फिल्म ‘डिस्को डांसर’ का म्यूजिक और उनका डांस स्टाइल आज भी याद किया जाता है।
हाल के वर्षों में मिथुन की मौजूदगी और सम्मान
मिथुन चक्रवर्ती को इससे पहले भी कई सम्मान मिल चुके हैं। हाल ही में उन्हें अप्रैल 2024 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। यह सम्मान भारतीय सिनेमा में उनके दीर्घकालिक योगदान के लिए दिया गया। इसके साथ ही उनकी मौजूदगी अभी भी फिल्मों और टीवी शोज़ में देखी जा सकती है। वो रियलिटी शो जज करने के साथ-साथ 'ओह माय गॉड' जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं।
उनकी आने वाली फिल्में भी उनके फैंस के लिए एक बड़ी उम्मीद हैं। इस साल होने वाले 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में मिथुन को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाएगा। समारोह 8 अक्टूबर, 2024 को होगा, जहां भारतीय सिनेमा के इस महानायक को उनके जीवनभर के योगदान के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
मिथुन दा के फैंस के लिए यह एक गर्व का क्षण है और यह दिखाता है कि कठिन संघर्ष और सच्ची मेहनत से कोई भी ऊंचाई पाई जा सकती है।\
JOIN UDAAN INDIA NEWS ON