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UP में राजस्व विभाग का बड़ा फैसला: लेखपाल और अधिकारियों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य, अब यूनिफॉर्म में पहचानेंगे सरकारी कर्मचारी!

लखनऊ@उड़ान इंडिया: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने राजस्व विभाग में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य कर दिया है। नए नियमों के तहत अब लेखपाल, अमीन, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक जैसे अधिकारियों को विशेष यूनिफॉर्म पहननी होगी। इस ड्रेस कोड का पालन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सफेद शर्ट और फॉर्मल ब्लेजर पहनने का निर्देश दिया गया है, जिसमें बाईं जेब पर विभाग का प्रतीक चिन्ह लगाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य विभागीय कर्मचारियों की स्पष्ट पहचान सुनिश्चित करना है ताकि फील्ड में काम करते समय लोगों के बीच उनकी पहचान आसानी से हो सके।

यूनिफॉर्म और प्रतीक चिन्ह की अनिवार्यता

राजस्व विभाग के विशेष कार्याधिकारी सुनील कुमार झा ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को यह आदेश जारी किया है। उनके अनुसार, इस ड्रेस कोड से न केवल कर्मचारियों की पहचान आसान होगी बल्कि फील्ड में काम करते समय लोग उनके साथ सहयोग भी करेंगे। अक्सर देखा गया है कि फील्ड स्टाफ के साथ लोग जानकारी साझा करने में आनाकानी करते हैं या उन्हें पहचान नहीं पाते। ऐसे में इस ड्रेस कोड से यह समस्या कम हो सकेगी और किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार से भी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।

ड्रेस कोड से फील्ड कर्मचारियों को फायदा

राजस्व विभाग में कार्यरत कर्मचारियों, खासतौर पर लेखपाल, अमीन, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक, को नियमित रूप से फील्ड में काम करना पड़ता है। भूमि नापने, विवादों का निस्तारण करने, और अन्य राजस्व संबंधित कार्यों के दौरान उनकी पहचान में असुविधा हो सकती है। इसी समस्या को देखते हुए यह ड्रेस कोड लागू किया गया है, जिससे उनकी पहचान स्पष्ट रूप से हो सकेगी। इसके साथ ही प्रतीक चिन्ह लगाने की अनिवार्यता भी कर्मचारियों की सुरक्षा और पहचान के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

कार्यालयों में भी प्रतीक चिन्ह की अनिवार्यता

इसके अलावा, राजस्व परिषद के प्रतीक चिन्ह का प्रयोग अब केवल कर्मचारियों के कपड़ों पर ही नहीं, बल्कि पत्राचार और अन्य सरकारी दस्तावेजों पर भी किया जाएगा। यह प्रतीक चिन्ह विभाग के कार्यालयों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के कार्यालयों में भी प्रदर्शित किया जाएगा ताकि लोगों को इसकी जानकारी हो सके। इससे विभाग की पहचान और उसकी गरिमा को भी बढ़ावा मिलेगा।

पहली बार बना है प्रतीक चिन्ह

राजस्व परिषद के इतिहास में यह पहली बार है जब इसका कोई आधिकारिक प्रतीक चिन्ह बनाया गया है। परिषद का गठन वर्ष 1831 में हुआ था, लेकिन तब से लेकर अब तक इसका कोई प्रतीक चिन्ह नहीं था। अगस्त 2023 में पहली बार इस चिन्ह का निर्माण किया गया, जिसे अब विभागीय कार्यों और ड्रेस कोड में शामिल किया गया है।

विशेष परिधान और सुरक्षा के निर्देश

राजस्व परिषद ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जो कर्मचारी फील्ड में जाते हैं, जैसे कि लेखपाल, अमीन, राजस्व निरीक्षक और नायब तहसीलदार, उनके लिए विशेष परिधान होना जरूरी है। यह इसलिए किया गया है ताकि भूमि नापने, पैमाइश करने या किसी विवाद का समाधान करने के दौरान वे अपनी ड्यूटी आसानी से और सुरक्षित रूप से कर सकें। इस ड्रेस कोड के साथ प्रतीक चिन्ह लगाने से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनकी पहचान किसी भी फील्ड कार्य के दौरान स्पष्ट रहे और उनके साथ कोई दुर्व्यवहार न हो।

कर्मचारियों की पहचान में आसानी

विशेष ड्रेस कोड के साथ प्रतीक चिन्ह लगाने से फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों की पहचान और सम्मान दोनों में वृद्धि होगी। यह कदम खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए लाभकारी है जो फील्ड में जाकर लोगों से मिलते हैं और उन्हें जानकारी देते हैं। पहले यह देखा गया था कि कई बार लोग फील्ड कर्मचारियों को पहचानने में गलती कर देते थे या उनकी पहचान नहीं कर पाते थे, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न होती थीं।

परिषद का नया प्रतीक चिन्ह

अगस्त 2023 में पहली बार राजस्व परिषद के लिए एक आधिकारिक प्रतीक चिन्ह बनाया गया, जिसे अब सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। यह चिन्ह उनके फॉर्मल ब्लेजर और सफेद शर्ट पर लगाया जाएगा। यह कदम विशेष रूप से फील्ड स्टाफ की पहचान को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा, यह प्रतीक चिन्ह अब कार्यालयों के पत्राचार और दस्तावेजों में भी शामिल किया जाएगा।

सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निर्देश

राजस्व विभाग के विशेष कार्याधिकारी सुनील कुमार झा ने यह आदेश सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को जारी किया है ताकि इस नए ड्रेस कोड और प्रतीक चिन्ह की अनिवार्यता का पालन हर स्तर पर सुनिश्चित हो सके। उन्होंने यह भी कहा है कि इस कदम से कर्मचारियों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और जनता के साथ उनके संबंध भी बेहतर होंगे।

कर्मचारियों के लिए गरिमा और सुरक्षा

इस ड्रेस कोड और प्रतीक चिन्ह का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की गरिमा को बढ़ावा देना और उनके कार्यस्थल पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इससे न केवल उनकी पहचान आसान होगी बल्कि फील्ड में काम करने के दौरान उन्हें किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। जनता के साथ काम करते समय अक्सर फील्ड कर्मचारी ऐसे लोगों से मिलते हैं जो उन्हें पहचानने में असमर्थ होते हैं, जिससे कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इस नए नियम से यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।

ड्रेस कोड से कर्मचारियों को लाभ

विशेष ड्रेस कोड और प्रतीक चिन्ह की वजह से फील्ड कर्मचारियों की पहचान अब आसानी से हो सकेगी। यह ड्रेस कोड न केवल उनके कार्य में सहायक होगा बल्कि उनकी सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, यह कदम कर्मचारियों के लिए एक नई पहचान और गरिमा भी लेकर आएगा। कर्मचारियों की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस कदम को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम राजस्व विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों की पहचान को मजबूत करने और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। ड्रेस कोड और प्रतीक चिन्ह की अनिवार्यता से न केवल कर्मचारी अधिक आत्मविश्वास के साथ काम कर सकेंगे बल्कि फील्ड में उनके काम करने की प्रक्रिया भी अधिक सुगम हो जाएगी। यह निर्णय विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने और कर्मचारियों की गरिमा को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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