पहले, गोदौलिया चौराहा पर रोपवे स्टेशन बनाने की योजना थी, लेकिन इसमें कई तकनीकी और यातायात से संबंधित मुद्दे सामने आए, जिसके कारण स्थान बदलने का निर्णय लिया गया। नई लोकेशन, जो गिरिजाघर से थोड़ी आगे और चौक से 20 मीटर पहले है, यातायात की भीड़ को कम करने और यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर चुनी गई है। यहां से रोपवे सेवा के जरिए एक लाख से अधिक लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है। यह नया स्थान स्थानीय निवासियों और यात्रियों के लिए अधिक सुलभ और व्यावहारिक है, जो पूरे प्रोजेक्ट की सफलता में अहम भूमिका निभाएगा।
रोपवे प्रोजेक्ट के अंतर्गत, कैंट से गोदौलिया तक का सफर केवल 16 मिनट में पूरा होगा, जो वाराणसी जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में यातायात की समस्या का एक बेहतरीन समाधान हो सकता है। इस सुविधा से ना सिर्फ स्थानीय लोग, बल्कि पर्यटक भी लाभान्वित होंगे, क्योंकि यह वाराणसी के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों के पास स्थित है। वाराणसी के विकास प्राधिकरण और नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड ने मिलकर इस परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए कई तकनीकी पहलुओं पर काम किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इसका निर्माण और संचालन सुचारू रूप से हो सके।
नई जगह पर स्टेशन का निर्माण होने के कारण इसके डिजाइन में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। पहले प्रस्तावित स्थान पर प्रवेश और निकासी के लिए चार रास्तों का प्रावधान था, लेकिन नए स्थान पर केवल दो ही रास्ते होंगे। यह बदलाव यातायात प्रबंधन और स्टेशन की संरचना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया गया है। उम्मीद है कि गिरिजाघर स्टेशन का निर्माण अगले महीने तक पूरा हो जाएगा, जिससे इस प्रोजेक्ट की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ेगा।
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