दरभंगा के पुनाच गाँव की एक गर्भवती महिला रंजन देवी का बुरा हाल है। नौ महीने की गर्भवती रंजन देवी काली पन्नी (अस्थायी छत) लेने के लिए दौड़ रही हैं, लेकिन थक कर सड़कों के किनारे खड़ी हो जाती हैं। उनके साथ खड़ी एक बच्ची कहती है, "खाने को कुछ नहीं मिल रहा है।" यही हाल सुनीला देवी का है, जो अपने 15 दिन की बच्ची के साथ सड़क किनारे एक पन्नी के नीचे रहने को मजबूर हैं। उनकी बच्ची भूख से तड़प रही है, और सुनीला का कहना है कि भूखे पेट दूध कैसे आएगा?
बिहार के दरभंगा समेत अन्य जिलों में बाढ़ की स्थिति बहुत ही खराब हो चुकी है। हजारों लोग बाढ़ के कारण बेघर हो गए हैं और राहत सामग्री के लिए संघर्ष कर रहे हैं। गर्भवती महिलाएं और नवजात बच्चों के साथ लोग भूख से परेशान हैं, जबकि प्रशासन की ओर से राहत कार्यों में भारी अव्यवस्था हो रही है।
दरभंगा जिले के पुनाच गाँव की रंजन देवी, जो नौ महीने की गर्भवती हैं, काली पन्नी के लिए दौड़ रही हैं, लेकिन थक कर सड़क किनारे खड़ी हो जाती हैं। उनके पास खड़ी एक बच्ची कहती है कि उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है। इसी तरह, सुनीला देवी अपनी 15 दिन की बच्ची को लेकर परेशान हैं क्योंकि नवजात धूप और भूख से बेहाल है।
लोग राहत सामग्री के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और प्रशासन के दावे और हकीकत में भारी अंतर है। प्रशासन का कहना है कि अधिकांश लोगों को राहत मिल गई है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
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