घटना का संक्षिप्त विवरण
यह मामला 12 अगस्त 2024 को सामने आया जब 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार का प्रयास किया गया। आरोपी नवाब सिंह यादव, जो पहले समाजवादी पार्टी के नेता रह चुके हैं, को इसी दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पुलिस की जांच और पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके अलावा, संबंधित धाराओं के तहत भी केस दर्ज किया गया था।
नवाब सिंह और उसके भाई नीलू यादव पर आरोप
नवाब सिंह यादव पर पहले से ही कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। नवाब सिंह के खिलाफ 16 और उसके भाई नीलू यादव के खिलाफ 12 मुकदमे दर्ज हैं। 12 अगस्त की घटना के बाद, नवाब सिंह पर नाबालिग से बलात्कार का आरोप लगाया गया, जबकि नीलू यादव पर आरोप है कि उसने पीड़िता की बुआ को बयान बदलने के लिए धमकाया। इस मामले में नीलू को बाद में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसे कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई
नाबालिग से हुए इस जघन्य अपराध के बाद पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। नवाब सिंह यादव और उसके छोटे भाई नीलू यादव के साथ ही पीड़िता की बुआ पर भी यह एक्ट लगाया गया है। पुलिस का मानना है कि ये लोग संगठित रूप से आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं, इसलिए इन पर गैंगस्टर एक्ट लगाया गया है। गैंगस्टर एक्ट के तहत इन पर चल रही जांच में अब और भी कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
इस पूरे मामले में राजनीति भी गर्माई हुई है। जब नवाब सिंह यादव को गिरफ्तार किया गया था, तब बीजेपी ने उन पर और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा था। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि नवाब सिंह यादव अखिलेश यादव के करीबी हैं और उनकी पार्टी में शामिल होने के बाद ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हालांकि, समाजवादी पार्टी ने स्पष्ट किया कि नवाब सिंह यादव कई साल पहले ही पार्टी से अलग हो चुके हैं और उनका सपा से कोई संबंध नहीं है।
नवाब सिंह का बचाव
नवाब सिंह यादव ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि यह उनके खिलाफ एक राजनीतिक साजिश है, ताकि उनका करियर खत्म किया जा सके। नवाब सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि पीड़िता की मां पहले समाजवादी पार्टी में थी, लेकिन अब वह बीजेपी में शामिल हो चुकी है। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश के तहत रचा गया है।
पीड़िता की स्थिति और कानूनी कार्रवाई
पीड़िता की मां की शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर लिया था। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया और उसके बयान दर्ज किए गए। पुलिस का कहना है कि नवाब सिंह को आपत्तिजनक हालत में हिरासत में लिया गया था। पुलिस द्वारा की गई जांच में कई अन्य तथ्य भी सामने आए हैं, जिन पर अब अदालत में विचार किया जा रहा है।
नीलू यादव की जमानत
हाल ही में कन्नौज की एक विशेष अदालत ने नवाब सिंह यादव के छोटे भाई नीलू यादव को जमानत दी थी। नीलू पर आरोप था कि उसने पीड़िता की बुआ को बयान बदलने के लिए दबाव डाला था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता राकेश तिवारी के अनुसार, पॉक्सो अदालत की विशेष न्यायाधीश अलका यादव ने नीलू यादव की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उसे जमानत दे दी।
पुलिस की आगे की कार्रवाई
कन्नौज के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने कहा कि नवाब सिंह यादव के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया जा चुका है। पुलिस इस मामले में हर पहलू पर जांच कर रही है, ताकि सभी दोषियों को सजा दिलाई जा सके। वहीं, नवाब सिंह के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के विरोध में कोतवाली का घेराव भी किया था, लेकिन पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखा।
कन्नौज रेप केस ने न सिर्फ एक नाबालिग के साथ हुए जघन्य अपराध को उजागर किया, बल्कि इसमें राजनीतिक साजिश और आरोप-प्रत्यारोप की भी झलक देखने को मिली। पुलिस द्वारा गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई ने मामले को और गंभीर बना दिया है। नवाब सिंह यादव और उनके भाई नीलू यादव पर कई आपराधिक मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं, और इस नए मामले ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अदालत में अब इस मामले पर सुनवाई होगी, और दोषियों को सजा दिलाने के लिए कानूनी प्रक्रिया तेज हो रही है।
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