रेल मंत्रालय की कंसल्टेंट एजेंसी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने जिला प्रशासन को कॉरिडोर से संबंधित जानकारी दे दी है। परियोजना में लगभग 800 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा, जिसमें कई जगहों पर एलिवेटेड पुल भी बनाए जाएंगे। कॉरिडोर पर ट्रेनों की गति 250 से 350 किलोमीटर प्रति घंटे तक होगी, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
वाराणसी से हावड़ा तक का सफर आसान और तेज
इस हाई-स्पीड ट्रेन का सफर वाराणसी से शुरू होकर बिहार, झारखंड और फिर पश्चिम बंगाल तक जाएगा। ट्रेन वाराणसी से निकलकर चंदौली, गाजीपुर, बक्सर, पटना, जहानाबाद, गया, झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह, और धनबाद होते हुए पश्चिम बंगाल के बर्धमान से होते हुए हावड़ा पहुंचेगी। इस पूरे सफर में सिर्फ 13 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिनमें वाराणसी का एक स्टेशन भी शामिल है। वाराणसी में स्टेशन हरहुआ के पास रिंग रोड के किनारे प्रतापचट्टी में बनाया जाएगा।
यह स्टेशन यार्ड और मेंटेनेंस सेंटर से लैस होगा। इसके लिए सर्वेक्षण कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है। रेल लाइन का एक बड़ा हिस्सा एलिवेटेड होगा, जिससे यातायात और कृषि पर कम से कम असर हो। लगभग 17.5 मीटर चौड़ी जमीन इस रेल लाइन के लिए अधिग्रहित की जाएगी।
हाई-स्पीड ट्रेन से जुड़े गांवों और क्षेत्रों की सूची
हाई-स्पीड ट्रेन के मार्ग में वाराणसी जिले के 80 गांवों से होकर गुजरने की योजना है। इनमें लच्छापुर, गुरदासपुर, चकिया, राजपुर, खजुरी, कल्लीपुर, प्रतापचट्टी, दरेखू, घमहापुर, नरऊर, वीरापट्टी, सरैया, सिकंदरपुर, हरिहरपुर जैसे गांव शामिल हैं। यह सभी गांव सदर तहसील के अंतर्गत आते हैं।
सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी परियोजना में लगभग 49 किलोमीटर तक वाराणसी जिले के क्षेत्र में रेल लाइन बिछाई जाएगी। यह एलिवेटेड लाइन लगभग 15 मीटर ऊंची होगी और इसके नीचे कृषि या अन्य गतिविधियां नहीं हो सकेंगी। कॉरिडोर की योजना से जुड़े गांवों में रहने वाले लोगों को जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत मुआवजा दिया जाएगा।
चार कोच वाली ट्रेन: 750 यात्रियों की क्षमता
देश की पहली हाई-स्पीड ट्रेन में चार कोच होंगे और इसकी कुल यात्री क्षमता 750 होगी। इस योजना के तहत आधुनिक तकनीक से ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे यात्रा का अनुभव पहले से कहीं अधिक आरामदायक और तेज़ होगा। हालांकि, अभी तक किराए की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन इसकी सुविधा और तेज़ी को देखते हुए यात्रियों को बेहतर सेवा की उम्मीद है।
इस हाई-स्पीड ट्रेन का निर्माण देश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक नई क्रांति लाएगा, जिससे उत्तर भारत और पूर्वी भारत के बीच यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। जल्द ही यह सपना हकीकत बनने की राह पर है।
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