Flickr Images

Section 307 IPC: हत्या का प्रयास सहित विभिन्न अपराधों के अभियुक्त की जमानत अर्जी जिला जज की अदालत से स्वीकृत

वाराणसी@उड़ान इंडिया: माननीय सत्र न्यायाधीश डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने हत्या का प्रयास समेत अन्य अपराधों में जेल में तकरीबन एक माह से निरूद्ध अभियुक्त विकास सिंह यादव उर्फ विकास यादव निवासी गिलट बाजार थाना शिवपुर वाराणसी को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश आज पारित कर दिया। अभियुक्त की ओर से वष्ठि अधिवक्ता पी0एन0 तिवारी व सहयोगी अधिवक्ता नीरज कुमार गुप्ता, अधिवक्ता गोपी लाल यादव, अधिवक्ता नीरज गुप्ता ‘धीराय’ ने पक्ष रखा। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया।

ये है मामला

संक्षेप में अभियोजन का कथानक है कि प्रार्थी राकेश कुमार सिंह द्वारा कैण्ट थाना पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी कि उसके साथ विपिन सिंह दिनांक 19.12.2023 समय 10.40 बजे रात्रि कचहरी से अपने बुलेट से अपने घर शिवपुर जा रहे थे। भोजूबीर तिराहा पहुंचने पर पहले से घात लगाकर बैठे स्विफ्ट डिजायर फोर व्हीलर से विकास यादव व तीन अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने जान से मारने की नीयत से पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। जिससे प्रार्थी का बायें पैर का हड्डी टूट कर झूल गया और शरीर के विभिन्न हिस्सोंमें काफी चोटें आयी। 

अभियुक्त की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र पेश करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी0एन0 तिवारी ने मुख्य आधार लिया कि विवचेना के दौरान धारा 279 अन्तर्गत भा0दं0सं0 को पुलिस द्वारा विलुप्त करते हुए धारा 325, 447 आईपीसी की बढ़ोतरी कर दिया गया और इस प्रकार धारा 337, 338, 504, 506, 325, 427, 307 भा.दं.सं. में इस वक्त विवेचना चल रही है। विद्वान अधिवक्तागण ने तर्क प्रस्तुत किया कि साधारण तौर पर यह 337 भा0दं0सं में मामूली चोट आती है और अगर हड्डी टूट गयी तो 338 भा0दं0सं0 होती है, बल्कि यह दोनों धाराएं जमानतीय है। शेष धाराएं अन्तर्गत 504, 506, 427, 325 भा0दं0सं0 जमानतीय है। जहां तक अपराध संख्या 307 आईपीसी का प्रश्न है, न तो बदनियती से न तो जान से मारने की नियत से घटना कायम की गयी है, न तो पहले से वादी पक्ष से कोई रंजिश थी कि जान से मारने का काम किया जाए। मात्र सड़क दुघर्टना के मामले को तूल दिया जा रहा है। 

उभय पक्षों की ओर से प्रस्तुत तर्कों जमानत प्रार्थना पत्र में कथित तथ्यों, थाने की आख्या केस डायरी आदि प्रपत्रों के सम्यक परिशीलन के उपरान्त माननीय सत्र न्यायाधीश वाराणसी डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने विकास सिंह यादव उर्फ विकास यादव को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश पारित कर दिया।